“ये हुस्न ए मौसम, ये बारिश, ये हवाएं, लगता है, मोहब्बत ने आज किसी का साथ दिया है ।”
“बस एक छोटी सी दुआ है, जिन लम्हों में आप मुस्कुराते हो, वो लम्हे कभी ख़त्म ना हो ।”
“कितना अधूरा लगता है, तब जब बादल हो पर बारिश ना हो, जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो, और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो ।”
“अजीब तमाशा हुआ जब वो सामने आयें हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली ।”
“मैंने कहा तुम्हारी हँसी उधार चाहिये. वो बोली मुस्कान ही दे सकती हूँ हँसी तो खुद उधार लाती हूँ तुम्हारे लिये ।”
“इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा, जितना मैंने सिर्फ सोचा है, तुम्हें ।”
“अगर भीगने का इतना ही शौक है, बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है, लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है ।”
“नज़र नज़र का फर्क है, हुस्न का नहीं, महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है ।”
“गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल, ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही ।”
“मिलने को तो मिलते है दुनिया में कई चेहरे पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाए ।”
“आज भीगी है पलके किसी की याद मे, बादल भी सिमट गए है अपने आप मे,
बारिश की बूँदे ऐसी गिरी है जमीन पर, मानो चाँद भी रोया हो उसकी याद मे ।”
“सुनो बेताब कर गयी हमें तेरी जादु भरी नजर, हम तो तेरे देखनें की अदा देखते रहे गये ।”
“आँखे भी पढ़ लेती हैं मोहब्बत की हरकत को, हर बार शब्दों में प्यार बयान करना जरुरी नहीं होता ।”
“यूँ सामने आकर ना बैठो, सब्र तो सब्र है, हर बार नही होता ।”
“हाथों की लकीरों मैं तुम हो ना हो, जिदंगी भर दिल में जरूर र होगे ।”
“क्या तमाशा लगा रखा है, तूने ए-बारिश बरसना ही हे, तो जम के बरस वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है ।”
“गुंडे थे हम, हमारी जिस बंदूक से लोग डरते थे उसी से, पगली ने सीधा दिल पे Encounter कर दिया ।”
“होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बनाकर सीने में रखते, तू रुक जाये तो मैं नहीं,और मैं मर जाउँ तो तू नहीं ।”
“बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे, बारिश में जिस्म भीगता हैं, और महोबत मैं आँखे ।”
“आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो मौसम हसीन है, लेकिन तुम जैसा नहीं ।”