SMS in Hindi

Hate You SMS In Hindi

उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।


अभी मियान में तलवार मत रखो अपनी
अभी तो शहर में इक बे-क़ुसूर बाक़ी है.


इस दिल में इतनी नफरत भरी हैं कैसे बताऊ
शायद इसीलिए मैं
हर पल अपनी ही नफरत के आग में जलता हूं.


कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।


अब छोड़ दी है उसकी आरज़ू हमेशा के लिए सागर,
जिसे मोहब्बत की क़दर ना हो उसे दुआओं में क्या माँगना।


न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई।


नफरत की आग में क्यों जलते हो ऐ दुनिया वालों
कभी मोहब्बत के रास्ते पर चल के तो देखो, भूल जाओगे नफरत को.


क्यों इतनी नफरत भरी हैं तेरे दिल में
इसीलिए तो तू रहता हैं हमेशा मुश्किल में.


देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।


सच ही कहते थे लोग नफरत की कोई मंज़िल नहीं
हमें भी अब पता चला
जब की हम इस रास्ते पर कब का भटक गए.


नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।


उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।


नफरत ज़हर से कुछ कम नहीं
दोनों ही जिंदगी तबाह कर देती हैं.


कुछ लोग आपसे बस इसलिये नफरत करते है…
क्योंकी बहुत ज्यादा लोग आपसे प्यार करते है…!!


तू न मिली तो नफरत को अपनी मंज़िल बना लिया
लेकिन नफरत का रास्ता कभी ख़त्म क्यों नहीं होता
अब मंज़िल न मिली इसीलिए मौत को अपना लिया.


ये जो तुम मुझसे बात नहीं करते,
ये नफरत की निशानी है या प्यार हो जाने का डर।


नफरत की दुनिया में जीने वालों
प्यार करने वालों से सीखो
फिर तुम भी नफरत से मोहब्बत कर लो गे.


खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।


नफरत खुलकर और मुहब्बत छिपकर करते हैं !
हम अपनी ही बनाई दुनियां से कितना डरते है।


नफरत नहीं हम प्रेम के आदि है
हमें गर्व है हम हिन्दूत्व वादी है !


नफरत तुझ से नहीं प्यार से की थी
पता नहीं चला कब नफरत से भी प्यार हो गया.


रहे न कुछ मलाल बड़ी शिद्दत से कीजिये…
नफरत भी कीजिये तो ज़रा मुहब्बत से कीजिये…!!


इस तरह नफरत से न देखो मुझे डर लगता हैं
कही भूल न जाए तुझे ये दिल
इसीलिए हमेशा तेरे बारे में सोचता हैं


नफरत करने वाले तेरी खता ही नहीं…
मोहब्बत क्या है जब तुझे पता ही नहीं…!!